हिन्दू मुस्लिम दंगे कोई नई बात नहीं हैं । आज़ादी से लेकर अबतक देश ने भीषण भीषण दंगे देखे हैं । लाखों लोग इन दंगों की भेंट चढ़ गए । कितनी औरतें विधवा का जीवन जीने को विवश हैं। कितने ही बच्चे इन दंगों के कारण अनाथ हो गए । मगर दंगे आज भी होते हैं । उत्तर प्रदेश का मुजफ्फरनगर इसका ताज़ा उदाहरण है । सवाल ये उठता है की इन दंगों के लिए उत्तरदायी कौन है । क्या धर्म गुरु ? क्या राजनेता उततेरदायी हैं ? नहीं किसी एक को दोषी ठहराना समस्या का हल नहीं है । आवश्यकता इस बात की है कि इन दंगों के पीछे छुपे कारणों को समझा जाए और उनका निवारण किया जाए । समझने के लिए संवाद होना आवश्यक है और संवाद होने के लिए एक दूसरे के निकट आना आवश्यक है । मगर हालात इतने बुरे हो चुके हैं कि दोनों एक दूसरे कि बात सुनने को तैयार ही नहीं हैं । आप और हम तो कुछ नहीं कर सकते । अखबार पढ़कर या टीवी देखकर चर्चा मात्र ही कर सकते हैं और उससे समस्या का हल तो होने वाला नहीं ।
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